वक़्त है, काट ले ऐ मुसाफिर
घर भी पहुँचना है आगेे..!!
आज हार लीजिये ये दाँव जनाबेआली
ज़िंदगी की बाज़ी तो जीतनी है आगे..!!
काली घटा को भी तो हटना है
सितारों का एक खूबसूरत जहाँ है आगेे..!!
आज आँसु भी आएँगे और दिल भी टुटेंगे
क्युंकि पत्थर दिल बनना है तुझे आगे..!!
दुनिया खामोश सी हो चली है आज
होने वाला हंगामा है आगे..!!
इरादे तो आँधियों के भी मजबूत होते हैं
पर इस दिये को जलते रहना है आगेे..!!
करा लीजिये गुलामी जी भर के आज
आत्मनिर्भर बन जायेगा ये इंसान आगे..!!
-Tiलक